देहरादून। उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण नौटियाल ने कहा है कि अब भी समय है कि सभी क्रिकेट एसोसिएशनों को बीसीसीआई से मान्यता के लिए एक मंच पर आने की आवश्यकता है और इसके लिए एसोसिएशन ने पहल की है। उन्होेंने कहा कि मान्यता के लिए उन्होंने ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अब कोर्ट के आदेश का पूर्ण रूप से पालन किये जाने की आवश्यकता है।
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| पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी |
यहां सुभाष रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में रामशरण नौटियाल ने कहा है कि आज हमें किसी भी प्रकार से उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। यूपीसीए अनावश्यक रूप से उत्तराखंड पर हस्तक्षेप कर रहा है और 12वें जोन के नाम पर हमें लगातार गुमराह किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड राज्य क्रिकेट एवं खिलाडियों के भविष्य के मददेनजर महत्वपूर्ण आदेश बीसीसीआई के प्रशासनिक समिति को जारी किये हैं, उन्होंने अपनी और संपूर्ण राज्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया। वर्ष 2009 में मान्यता के लिए प्रकाश दीक्षित एवं अंशुमन गायकवाड की कमेटी भी एसोसिएशन के माध्यम से बीसीसीआई पर दवाब बनाकर बनाई गई और जिस पर काम हुआ लेकिन बाद में यह गति मंद पड गई। एसोसिएशन की ओर 25 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी और 29 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया और सभी को इसका स्वागत करते हुए इस पर अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए।
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एसोसिएशन के सचिव व डायरेक्टर दिव्य नौटियाल ने कहा है कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन गलत तरीके से 12वें जौन बनाकर राज्य के खिलाडियों का लगातार शोषण कर रहा है। यह एसोसिएशन अपना राज्य तो संभाल नहीं पा रहा है और उत्तराखंड में अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप कर रहा है जिसका व्यापक स्तर पर विरोध किया जायेगा। आज 71वीं जिला क्रिकेट लीग संचालित की जा रही है जिसका कोई आधार ही नहीं है और यूपीसीए हर साल पांच लाख रूपये डीसीए को दे रहा है जो अनुचित है। एसोसिएशन द्वारा समय-समय पर पहल करके अन्य कार्यरत एसोसिएशन को एक मंच पर लाने की कोशिश की गई है किन्तु कतिपय व्यक्तियों द्वारा खिलाडियों के भविष्य की चिंता करने के बजाय व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक हितों का लाभ देखते हुए एक मंच को सांझा करने पर आपत्ति लगाई जा रही है। ऐसे एसोसिएशनों को राज्य एवं खिलाडियों के हितों में सोचने की जरूरत है। यूपीसीए के संरक्षण में गैर कानूनी कृत्य किये जा रहे हैं। एक राज्य दूसरे राज्य को किस प्रकार से मान्यता दे सकता है यह विषय सोचनीय है।यूपीसीए ने उत्तराखंड को 12वां जोन बना दिया गया है जो गलत है। उनका कहना है कि यूपीसीए की कार्यप्रणालियों का भी विरोध किया जायेगा। उनका कहना है कि यूपीसीए की वर्किंग कमेटी की बैठक किस आधार पर उत्तराखंड में होती है यह भी एक सोचनीय विषय है और इस पर रोक लगाने के लिए बीसीसीआई को पत्र लिखा जायेगा। उनका कहना है कि डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन ने अपने प्लेयर रजिस्ट्रेशन फार्म पर एफिलेटिड टू उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन लिखती है जिससे उत्तराखंड राज्य के समस्त खिलाडियों को भ्रमित करने के साथ धन की उगाई की जा रही है, जो चिंता का विषय है।
इस अवसर पर वार्ता में पीसी थपलियाल, अनिल डोभाल, शिव पैन्यूली, अशोक घिल्डियाल, दिग्विजय सिंह, जनक सिंह आदि मौजूद थे।



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