• कहा-अंतिम पंक्ति के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति की विकास में हो भागीदारी

उत्तराखंड 24 न्यूज। 
मसूरीराज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल शुक्रवार को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी पहुंचे जहाँ उन्होंने 92वें फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह में  प्रशिक्षित आईएएस अधिकारियों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक लोक सेवक की सर्वोच्च प्राथमिकता जनता की सेवा होनी चाहिए।
प्रशिक्षित अधिकारियों को संबोधित करते राज्यपाल डॉ के के पॉल

राज्यपाल डॉ के के पॉल ने कहा कि प्रशासक की नजर हमेशा, अंतिम पंक्ति के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति पर हो। जनता की नब्ज पहचानने के लिए जमीन से जुड़ना जरूरी है। इसके लिए अधिकारी, अधिक से अधिक स्थलीय दौरे करें और लोगों से मिलें। भारतीय प्रशासनिक सेवा की स्थापना, लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1949 में की थी। उनका मानना था कि देश को एकजुट रखने के लिए एक मजबूत व दक्ष, अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा का होना जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में नागरिकों की बढ़ती अपेक्षाओं के दौर में बतौर लोक सेवक आप सभी पर बहुत बड़ी जिम्मेवारी है। प्रधानमंत्री जी ने एक ऐसे नए भारत के निर्माण का आह्वान किया है जहां युवाओं, महिलाओं व गरीबों की आकांक्षाएं पूरी हों। जनता का विश्वास जीतने के लिए सामाजिक योजनाओं व विकास का लाभ, देश के दूरस्थ क्षेत्रों तक व गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित करना होगा। इसके लिए अधिकारी अधिक से अधिक स्थलीय दौरे करें। जमीन से जुड़कर ही जनता की नब्ज को महसूस किया जा सकता है। 
राज्यपाल ने कहा कि डिजीटल टेक्नोलोजी से मित्रता करें। माॅनिटरिंग के लिए अपने कम्प्यूटर पर डैश बोर्ड का उपयोग करें। प्रभावी परफोरमेंस के लिए गवर्नेंस की मूलभूत अवधारणाओं को जानना जरूरी है। विशेष तौर पर लोक-वित्त की अच्छी जानकारी, भ्रष्टाचार की रोकथाम में सहायक हो सकती है। ई-गवर्नेंस व आई.टी. से सर्विस डिलिवरी में सुधार लाया जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अनुसार देश में जनशक्ति व गुड गवर्नेस के संयोग से भ्रष्टाचार निवारण से लेकर कुपोषण व निरक्षरता को दूर करने तक, सभी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य व कल्याणकारी सेवाओं पर फोकस करें। एक अच्छे प्रशासक के लिए मेजिकल केट का सूत्र उपयोगी हो सकता है। ‘सी’ फाॅर क्रेडिबिलिटी, ‘ए’ फाॅर एकाउंटबिलिटी व ‘टी’ फाॅर ट्रांसपेरेंसी। अर्थात विश्वसनीयता, उत्तरदायित्व व पारदर्शिता प्रशासक के आवश्यक गुण हैं। 
राज्यपाल ने कहा कि अपने कार्य व व्यवहार में मानवीय दृष्टिकोण अपनाएं। वंचित लोगों को प्राथमिकता दें। जितना सम्भव हो लोगों से मिलें, उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास करें। प्रशासक की नजर हमेशा अंतिम पंक्ति के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति पर होनी चाहिए। सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ सभी को बिना भेदभाव के मिले। जनता की सेवा ही एक लोक सेवक की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि समाज व देश में शांति, स्थिरता व विकास के लिए गुड गवर्नेंस बहुत जरूरी है। संवेदनशील प्रशासन, जो लोगों की भावनाओं व आवश्यकताओं को समझने में सक्षम हो। प्रशासन, जो लोगों की परवाह करता हो और जनसमस्याओं के प्रति संवेदनशील हो। जनता का भरोसा जीतना जरूरी है। राज्यपाल ने फाउंडेशन कोर्स में प्रतिभाग कर रहे अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कैरियर में सफल होने के लिए जीवन में लगातार सीखने की प्रवृत्ति बनाए रखें। खुद को लगातार अप-टू-डेट रखें। इस बैच को प्रधानमंत्री जी का सम्बोधन सुनने का सुअवसर प्राप्त हुआ था। विश्वास है कि आप अपने पूरे कैरियर में उनके द्वारा दिए गए सुझावों को न केवल याद रखेंगे बल्कि क्रियान्वित भी करेंगे।
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