सदन में 3015.7381 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश
गैरसैंण विधानभवन में उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरु
सरकार ने बहुप्रतीक्षित तबादला कानून पर भी लगाई मोहर
राज्य आंदोलनकारियों ने गैरसैण को स्थायी राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन
उत्तराखंड 24 न्यूज।
गैरसैंण। भराड़ीसैंण-गैरसैंण विधानभवन में उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरु हुआ। सरकार ने सदन में 3015.7381 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। इसमें राजस्व मद में 2170.1314 करोड तथा पूंजीगत मद में 845.6067 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं, गैरसैंण विधानसभा सत्र में बहु प्रतीक्षित तबादला एक्ट पारित हो गया।
गैरसैंण। भराड़ीसैंण-गैरसैंण विधानभवन में उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरु हुआ। सरकार ने सदन में 3015.7381 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। इसमें राजस्व मद में 2170.1314 करोड तथा पूंजीगत मद में 845.6067 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं, गैरसैंण विधानसभा सत्र में बहु प्रतीक्षित तबादला एक्ट पारित हो गया।
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| हवन पूजन में शामिल विधानसभा सीएम त्रिवेंद्र रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल व सदस्य |
गुरुवार से उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सत्र शुरू होने से पूर्व विधिवत हवन पूजन किया। जबकि, स्थानीय कलाकारों ने उत्तराखंड की लोककला और संस्कृति के रंग में सजे कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। कांग्रेस ने राज्य में नगर निकायों की सीमा विस्तार और राजधानी के मुद्दे पर सदन की समस्त कार्यवाही को रोककर नियम 310 में चर्चा की मांग की। मांग के समर्थन में विपक्ष के सदस्यों ने कुछ देर तक शोरगुल किया। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के मुद्दों पर कार्यस्थगन में चर्चा का आश्वासन दिया। इसके बाद विपक्ष के सदस्य अपने स्थान पर बैठ गए और प्रश्नकाल शुरू हो पाया।
उधर, सदन के बाहर गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने विधानसभा घेराव कार्यक्रम के तहत प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को विधानसभा से कुछ दूर पर ही रोक लिया। शाम चार बजे सरकार ने अनुपूरक बजट पेश किया। अनुपूरक बजट में वेतन की मद कुल 388.6493 करोड़ रुपये, पेंशन मद में 700.7721 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में विधान सभा भवन निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत 70 करोड़ रुपय की व्यवस्था की गई है। निर्भया फंड, निर्भया योजना के अंतर्गत धनराशि की व्यवस्था की गई है। किसानों के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान केलिए कुल 95 करोड़ की व्यवस्था की गई है। सेंटर इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंव टेक्नोलॉजी की स्थापना के लिए 9.5527 करोड़ की व्यवस्था की गई है। मुजफ्फरनगर-रुड़की रेल लाइन निर्माण के लिए 120 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
इसके साथ ही त्रिवेन्द्र सरकार ने सत्र के पहले दिन ही तबादला कानून पर भी मोहर लगा दी है।
बता दें तबादला कानून राज्य की राजनीति को प्रभावित करने वाले बड़े मुद्दों में शामिल रहा है। इस साल मार्च में सत्ता संभालने के बाद ही भाजपा ने साफ कर दिया था कि वो इस महत्वपूर्ण मुद्दे को ठंडे बस्ते में नहीं रहने देगी। इस कानून के प्रस्ताव को प्रवर समिति ने 15 जून को विधानसभा के पटल पर रख दिया था। आखिरकार गैरसैंण सत्र के पहले दिन ही इस एक्ट पर मुहर लग ही गई। ठीक साढ़े पांच बजे यह एक्ट पास हुआ। तालियों की गड़गड़ाहट के साथ ही सदन ने इसका स्वागत किया। राज्य के कर्मचारी और खासकर शिक्षक तबादला कानून बनाने की मांग लंबे समय से करते आ रहे थे।
बता दें तबादला कानून राज्य की राजनीति को प्रभावित करने वाले बड़े मुद्दों में शामिल रहा है। इस साल मार्च में सत्ता संभालने के बाद ही भाजपा ने साफ कर दिया था कि वो इस महत्वपूर्ण मुद्दे को ठंडे बस्ते में नहीं रहने देगी। इस कानून के प्रस्ताव को प्रवर समिति ने 15 जून को विधानसभा के पटल पर रख दिया था। आखिरकार गैरसैंण सत्र के पहले दिन ही इस एक्ट पर मुहर लग ही गई। ठीक साढ़े पांच बजे यह एक्ट पास हुआ। तालियों की गड़गड़ाहट के साथ ही सदन ने इसका स्वागत किया। राज्य के कर्मचारी और खासकर शिक्षक तबादला कानून बनाने की मांग लंबे समय से करते आ रहे थे।



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